इसी से उपन्यास की विशेषता का अंदाज लगाया जा सकता है।
2.
इस उपन्यास की विशेषता यह है कि इसमें कथाकार का वह चेहरा, जो व्यंग्यकार
3.
उपन्यास की विशेषता यह है कि इसमें कहीं पर भी अनावश्यकरूप से खाली स्थान छोड़कर पृष्ठों की बर्बादी नही की गई है।
4.
उपन्यास की विशेषता है कि पात्रों को जीवंत करने के लिए लेखक ने परिस्थितियों को स्वयं नजदीक से देखने की कोशिश की है।
5.
यहाँ पर चित्रित पुरूष और स्त्री का प्रेम असामाजिक होते हुए भी व्यक्तित्व को विकृत नहीं करता, यही प्रौढ़ता इस उपन्यास की विशेषता भी है।
6.
यह शालीनता भी, कि अतिशय दलन और दमन के विरुद्ध किसी भी पात्र से उन्होंने जनवादी-किस्म के नारे नहीं उगलवाए हैं, इस उपन्यास की विशेषता है, सुन्दरता है।
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यह शालीनता भी, कि अतिशय दलन और दमन के विरुद्ध किसी भी पात्र से उन्होंने जनवादी-किस्म के नारे नहीं उगलवाए हैं, इस उपन्यास की विशेषता है, सुन्दरता है।
8.
इस उपन्यास की विशेषता यह है कि इसमें कथानक रामचंद्र रामायणी के चरित्र के विकास को सरल रेखीय ढ़ंग से नहीं प्रस्तुत किया गया है बल्कि छोटी-छोटी रोचक घटनाओं के माध्यम से उसे निरूपित किया गया है।
9.
इस उपन्यास की विशेषता यह है कि इसमें कथानक रामचंद्र रामायणी के चरित्र के विकास को सरल रेखीय ढ़ंग से नहीं प्रस्तुत किया गया है बल्कि छोटी-छोटी रोचक घटनाओं के माध्यम से उसे निरूपित किया गया है।
10.
सामान्यतः इस शैली में जो उपन्यास लिखे जाते हैं, उनमें कथा के किसी महत्वपूर्ण पात्र की ओर से ही उसका संपूर्ण विवरण प्रस्तुत किया जाता है परंतु इस उपन्यास की विशेषता यह है कि कथा का प्रस्तुतकर्ता उपन्यास का गौण पात्र है।